Sunday, 11 November 2012

[IAC] Shubh Dipawali.

ग़ज़ल

रोशन है कायनात दीवाली की रात है,
अपने वतन की अलग ही कुछ बात है.

यहाँ हर दिल में ख़ास रौशनी होती है.
प्रेम - मोहब्बत भरे सबके जज्बात है.

मंदिर - मस्जिद- गिरजाघर भी बोले,
एक ही मिट्टी से हमारी मुलाक़ात है.

जाति - जमात में जो बांटे हमसब को,
कह दो हमारी एक हिन्दुस्तानी जात है.

भ्रष्टाचार मिटाने को लड़ रहे हैं हमसब,
पर हम पर ये हो रहा कैसा आघात है ?

अब उठो जागो ऐ मेरे वतन के लोगों,
जम्हूरियत की अब तो निकली बरात है.

sabhi bhai-bahnoN ko dipawali ki dheroN shubhkamnayeN aur badhaai……

ॐ . ੴ . اللّٰه . † …….
Om.Onkar. Allâh.God…..
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!

-Ghulam Kundanam,
IAC, Rohtas, Bihar.
Mobile No- 9931018391.

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